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कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्‍या है - What is Computer Programming

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग  बहुत ही महत्‍वपूर्ण विषय है, कंप्‍यूटर क्षेत्र से जुडे काफी लोग कंप्यूटर प्रोग्रामिंग केे बारे में जानना चाहते हैं तो आईये जानते हैं कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्‍या है

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्‍या है - What is Computer Programming

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्‍या है - What is Computer Programming

आम जीवन में जब कोई काम करते हैं तो उसकी पूरी रूपरेखा तैयार करते हैं "आपने भी कहीं जाने से पहले पूछा होगा कि आप का क्‍या प्रोग्राम है" किसी शादी में तो कई सारे कार्य प्रारम्भ होने से कार्य के सम्पन्न होने तक के एक-एक चरण किये जाते हैं उसकी प्रकार कंप्‍यूटर के लिये भी निर्देशों की क्रमबद्ध रूपरेखा तैयार की जाती है कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ( Computer Programming ) कहते हैं 

कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ( Computer Programming ) एक माध्‍यम से जिससे आप कंप्‍यूटर को निर्देश देने के लिये एक प्रोग्राम तैयार करते हैं और ये प्रोग्राम कंप्‍यूटर को दिये जाने वाले निर्देशों का सेट होता है प्रोग्राम जितना स्पष्ट, विस्तृत और सटीक होगा, कम्प्यूटर उतने ही सुचारू रूप से कार्य करेगा, उतनी ही कम गलतियां करेगा और उतने ही सही उत्तर देगा इन निर्देशों को लिखने के लिये प्रोग्रामिंग भाषा की आवश्‍यकता होती है प्रोग्रामिंग भाषा या प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज की आवश्‍यकता होती है 

लेकिन यहां भी एक परेशानी है प्रोग्रामिंग भाषा ( Programming Language ) में 0 और 1 के अलावा अन्‍य अंकाेें और शब्‍दोंं का प्रयोग होता है जिसे कंप्‍यूटर सीधे इस पढ नहीं पाता हैं कम्प्यूटर मात्र बाइनरी संकेत अर्थात 0 और 1 यानि मशीनी भाषा को ही समझता है, यह कंप्‍यूटर की आधारभूूत भाषा होती है 

चूंकि मशीनी भाषा बायनरी कोड में लिखी जाती है जिसके केवल दो अंक होते हैं 0 और 1 लेकिन बाइनरी कोड संकेत समझना और उसमें प्रोग्राम लिखना हमारे लिये संभव नहीं हैं इसलिये मनुष्‍य ने अपना काम आसान करने के लिये असेम्बली भाषा  का निर्माण किया जिसमें बाइनरी संकेत अर्थात 0 और 1 के स्‍थान पर ऐसे अन्य शब्‍दों और अंकों का प्रयोग किया जाता है जिसे नेमोनिक कोड  कहते हैं

लेकिन कंप्‍यूटर केवल मशीनी भाषा को ही समझता है,  इस काम को करता है भाषा अनुवादक ( Language Translator ) यह अंकों और शब्‍दों को मशीनी भाषा अथवा बायनरी अंकों में बदल देता है ताकि कंप्‍यूटर इस आसानी से पढ सके और प्रोग्राम के अनुसार काम कर सके प्रोग्रामिंग भाषा अनुवादक  तीन प्रकार के होते हैं - 
  1. असेम्बलर ( Assembler )
  2. कम्पाइलर(Compiler) 
  3. इंटरप्रेटर (Interpreter)

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