नमस्कार दोसतों,
आज का यह लेख ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उन ग्रामीण परिवारों और वहाँ पर रहने वाले लोगो के लिए है जिनको अब सरकार कानूनी सलाह निःशुल्क टेली लॉ सर्विस के माध्यम से प्रदान करेगी। क्या होता है टेली लॉ और कैसे टेली लॉ ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो को निःशुल्क कानूनी सलाह देकर मदद करती है। आपके इन सभी सवालों के जवाब आज हम इस लेख के माध्यम से देने जा रहे है।
क्या है Tele Law ?
टेली लॉ जो कि संचार व् सूचना तकनिकी का इस्तेमाल कर वकीलों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगो के मध्य ई-संवाद मतलब की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कॉमन सर्विसेज सेंटर में उपस्थित वकीलों के एक पीनल के माध्यम से कानूनी सूचना व् कानूनी सलाह प्रदान करते रहना। सरकार ने न्याय प्रणाली को सरल बनाने के लिए टेली लॉ पोर्टल की शुरुआत की है।टेली लॉ पोर्टल के माध्यम से लोग कॉमन सर्विस सेंटर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वकीलों से कानूनी सलाह निःशुल्क प्राप्त कर सकेंगे।
टेली लॉ का मुख्य उदेश्य यह है कि विधि सेवा प्राधिकार तथा कॉमन सर्विस सेंटर में उपस्थित वकीलों के एक पीनल के माध्यम से कानूनी परामर्श सेवा को सरल बनाना है, टेली लॉ 1800 चिन्हित पंचायत में उपस्थित पारा लीगल स्वयंसेवकों के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये से लोगो को वकीलों के साथ जोड़ता है और उनके द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब प्रदान करा कर कानूनी सलाह प्रदान करवाता है।
टेली-लॉ कार्यक्रम
विशेषता: वर्ष 2017 में शुरू किया गया यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों और नागरिकों हेतु कानूनी सहायता को सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।
- इस कार्यक्रम के तहत कानूनी जानकारी और सलाह के वितरण के लिये संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की परिकल्पना की गई है।
- इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्तर पर स्थापित कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर लोग टेली-लॉ नामक पोर्टल के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये वकीलों से कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
- इस तरह यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या टेलीफोन के माध्यम से वकीलों और नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
- यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटरों के पास मौजूद अवसंरचना का उपयोग कर ग्रामीण लोगों को उनके घर पर ही कानूनी सेवा प्रदान करने का प्रयास करती है।
- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा सभी राज्यों की राजधानियों में वकीलों का एक पैनल उपलब्ध कराएगा, जो आवेदकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये कानूनी सलाह और परामर्श प्रदान करेंगे।
Tele Law का उद्देश्य: भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया विज़न’ (Digital India Vision) के माध्यम से ‘स्वदेशी’ डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग कर ‘सभी के लिये न्याय’ को वास्तविकता प्रदान करना और सभी की न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करना।
Tele Law का महत्त्व: टेली लॉ सेवा किसी भी व्यक्ति को कीमती समय और धन बर्बाद किये बिना कानूनी सलाह लेने में सक्षम बनाती है।
- यह सेवा वंचित वर्ग के समूह के लिये पूर्णतः मुफ्त है, जबकि अन्य लोगों को इस सेवा का लाभ प्राप्त करने के लिये 30 रुपए प्रदान करने होंगे।
- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नालसा (National Legal Services Authority-NALSA) का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत समाज के कमज़ोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य से किया गया है।
- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यों में कानूनी साक्षरता प्रदान करना, जागरूकता फैलाना और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना शामिल हैं।
- भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय का द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष होता है।
- कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए पारा लीगल स्वयंसेवकों से मिलना होगा।
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC ) पर जाना होगा।
- मामले को पंजीकृत किया जायेगा, परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा और भुगतान कर रशीद लेनी होगी।
- सलाह प्राप्त करने के लिए नागरिको को एक विशेष तिथि व् समय पर आना होगा।
- कानूनी विशेषज्ञ द्वारा टेली परामर्श के माध्यम से कानूनी सलाह प्रदान की जाएगी।
- कानूनी सलाह प्रदान करने के बाद मामला समाप्त किया जायेगा।
- विधि सेवा प्राधिकार अधिनियम, 21987 के अनुछेद 12 के अनुसार हाशिए पर बसर करने वाले लोगो की श्रेणियाँ जिनको निःशुल्क सेवा प्रदान की जाएगी।
- महिलाएं,
- 18 आयु से कम उम्र बच्चों के लिए,
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति,
- मानव तस्करी के शिकार हुए पीड़ितों के लिए ,
- मानसिक रोगी तथा भिन्न रूप से सक्षम,
- असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए ,
- प्राकृतिक आपदा के शिकार, जातीय हिंसा के शिकार,
- निम्न आय समूहों वाले लोग राज्य द्वारा वर्णित आमदनी,
- अंडर ड्रायल्स / हिरासत में लोग
- महिलाएं,
- 18 आयु से काम उम्र के बच्चो के लिए।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगो को जाति प्रमाण पत्र,
- अंडर ड्रायल्स / हिरासत में लोगो के लिए कोई सम्बद्ध केस के दस्तावेज,
- मानव तस्करी के शिकार हुए लोगो को शपथ पत्र, पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट, एफिडेविट की प्रति,
- प्रकृति आपदा/ जातीय हिंसा के शिकार हुए लोगो को जिला दस्तवेज,
- असंगठित क्षेत्रो के कामगारों को जॉब कार्ड / मनरेगा,
- मानसिक रोगी तथा भिन्न रूप से सक्षम लोगो को विकलांगता प्रमाण पत्र,
- निम्न औय वालो लोग राज्य द्वारा वर्णित आमदनी के लोगो को बी.पी.एल कार्ड/ आय प्रमाण पत्र।
- ऊपर वर्णित लोगो को छोड़ कर अन्य व्यक्तियों को कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए 30/- रुपया टेली लॉ सेवा षुल्क देना होगा और पंजीकरण के लिए आधार कार्ड/ कोई पहचान प्रमाण पत्र देना होगा।
3 Comments
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